खुद की खोज : बाह्या जगत से अंतर्जगत की यात्रा हम क्या है? क्यों हैं? ऐसे तमाम प्रश्नों पर कुछ शब्द! स्वागत है आपका विचारों की दुनिया में..
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"तुम्हारें जाने के बाद"
मैं जानता हूं तुम एक दिन चले जाओगे बहुत दूर कितना दूर नहीं जानता शायद इतना कि मैं जान सकूँ तुम्हारा जाना क्या होता है शायद इतना...
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पूस का महीना था हवाओं में सर्द ठंडक कहर बरपा रही थी मानों अपने एक प्रहार से ही हाड़ -मांस को गला देना चाहती हो , समय अभी मुश्किल से शाम के...
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‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ विनोद कुमार शुक्ल की एक ऐसी कृति है जिसमें लेखक ने अलग लेखन शैली का प्रयोग किया है। आरंभ में हो सक...
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हर बात को बात से काटना, हर तर्क को दूसरे तर्क से भिड़ाना उनका मूल्यांकन करना पूरी ताक़त लगा देना अपनी बात को सिद्ध करने के लिए, और अंत में प...
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